मौद्रिक प्राधिकारी
भारतीय रिज़र्व बैंक मुद्रास्फीति को काबू में रखने और उत्पादनकारी क्षेत्रों को
नकदी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ वित्तीय स्थिरता के लिए लगातार
प्रयासरत है।
वित्तीय प्रणाली का पर्यवेक्षक
बैंकों और वित्तीय संस्था्ओं, जिनके अंतर्गत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां शामिल
हैं, के सुचारु कार्यसंचालन के लिए विनियमावली विनिर्दिष्ट करना
- जमाकर्ताओं के हित की रक्षा करने और देश की वित्तीय प्रणाली के प्रति आम जनता में
विश्वा स बढ़ाने के लिए जोखिम प्रबंधन और कार्पोरेट गवर्नेंस में उत्तदम व्यवहारों
को बढ़ावा देना
- उपभोक्ता ओं को सस्ती दर में सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु बैंकों में प्रौद्योगिकी
के प्रयोग को प्रोत्साहित करना।
करेंसी का निर्गमकर्ता
उच्च कोटि और पर्याप्त मात्रा में सिक्कों और करेंसी नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित
करता है।
- संचलन की दृष्टि से उचित न रहने वाले नोटों और सिक्कों को निकालता है
- सरकार को नवीनतम सुरक्षा विशेषताओं वाले करेंसी नोटों की डिजाइनिंग की जानकारी देता
है।
विदेशी मुद्रा विनिमय का प्रबंधकर्ता
विदेशी व्यापार और भुगतानों के लिए नीति बनाता है, भारत में विदेशी निवेश तथा विदेशों
में भारतीय निवेश को सुसाध्य बनाता है और विदेशी मुद्रा बाज़ारों के व्यवस्थित विकास
को बढ़ावा देता है।
सरकार का बैंक
केंद्रीय और राज्य सरकारों के खाते रखता है। केंद्रीय और राज्य सरकारों के लिए मर्चेंट
बैंकिंग का कार्य करता है।
- सरकारी प्रतिभूति बाज़ार के विकास और व्यरवस्थित कार्यसंचालन को बढ़ावा देता है।
- केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को बेहतर नकदी प्रबंधन के लिए सलाह देता है।
भुगतान प्रणालियां
देश के लिए आधुनिक, सुदृढ़, कुशल, सुरक्षित एवं समेकित भुगतान और निपटान प्रणाली की
स्था्पना हेतु कार्य करता है।
बैंकों का बैंक
समूची वित्तीय प्रणाली और वैयक्तिक बैंकों में पर्याप्त नकदी की उपलब्धता दैनिक
आधार पर सुनिश्चि्त करता है।
- अंतिम उधारदाता का कार्य करता है।
विकासात्मक भूमिका
राष्ट्रीय उद्देश्यों को समर्थन देने के लिए अनेक प्रकार का कार्य करता है, जैसे
सुव्यस्थित संवृद्धि को सुनिश्चित करना, वित्तीय बाज़ारों एवं संस्थाओं का विकास
करना, विशेषीकृत वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए संस्थाओं की स्थापना करना
और अर्थव्यवस्था के सभी अंगों के लिए संगठित वित्तीय क्षेत्र प्रदान करना।
अनुसंधानपरक कार्य
भारतीय अर्थव्य्वस्था और वित्तीय प्रणाली पर सूचना के प्राथमिक स्रोत के रूप में
सेवा प्रदान करता है।
- भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले मुद्दों और समस्याओं का विश्लेषण
करता है।
- नीति निर्धारण तथा मौद्रिक, बैंकिंग और वित्तीय नीतियों के संबंध में सलाह देता
है।
- बैंक के प्रकाशनों को तैयार करता है।
- निर्णयन प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए डेटा रखता है।